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Sunday, February 12, 2012

उत्तर प्रदेश का भगवान् ही मालिक!


उत्तर प्रदेश के चुनाव जोरों पर है और इसमें भी कोई शक नहीं की इसके नतीजे कई महानुभावों को जोरों के झटके देंगे खैर इन सब से उन्हें ही निपटने दीजिये, मै इन चुनावो के प्रचार के दौरान हुई कुछ घटनाओ से हैरान तो नहीं पर परेशान जरूर हूँ! इक्कीसवी शताब्दी है, 2012 चल रहा है, युवा वोटरों की संख्या बड़ी है और तो और हर पार्टी युवा चेहरों के साथ मैदान मे है, मुझे लगा था की अब विकास की बात होगी, नेता जनता को समझदार समझने लगेंगे और उसी भावना के साथ बयान बाजी या चुनावी वादे करेंगे! मै मानता हूँ की हिन्दुस्तानी लोकतंत्र से बहुत  ज्यादा उम्मीदे लगा रहा हूँ, पर गलती से ऐसी उम्मीदें लगा बैठा था पर हुआ ऐसा कुछ भी नहीं! ना तो राजनीति बदली और न ही नेता लोगो की सोच! 
                                              नेताओं ने ऐसे भाषण दिए जो उनके मूंह से ठीक नहीं लगते, माया जी कहती है की चालीस सालों मे कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश का बेड़ा गर्क कर दिया, मुझे तो अभी तक लगा था की उत्तर प्रदेश मे बी एस पी की सरकार है पता नही माया जी ने क्या हिसाब लगाया की उन्हें इस बात के लिए कांग्रेस जिम्मेदार लगती है, चलिए इनकी बात मान भी लेते है तो इन्होने 22 सालों मे उत्तर प्रदेश के निवासियों तक बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाएँ क्यों नहीं पहुंचाई! खैर जाने दीजिये इन्होने हाथियों की संख्या मे वृद्धि तो की जो हमारे पर्यावरण को महत्वपूर्ण दें है! माया जी तो यह भी मानती है की पिछली बार के चुनावों  मै इन्होने कुछ अपराधिक छवि वाले लोगो को टिकेट दे दिया था पर इस बार एक दो लोग कम कर दिए है, अब अगर सभी बेईमान लोगों को निकालने लगती तो वह खुद कैसे पार्टी चला पाती, किसी ने मुझसे पूछ लिया की ऐसी गलतियों का एहसास अक्सर चुनावों से पहले ही क्यों होता है, तो मैंने समझाया की भैया इतनी बारीकियां देखोगे तो देश कैसे चलाओगे, देर आये दुरुस्त आये! चलिए छोड़िये माया जी को नाराज हो जायेंगी और कहीं मेरे ब्लॉग पर बैन लगा दिया तो? 
                                                    हमारे युवा नेता राहुल जी कहते है की दूसरी पार्टियाँ सिर्फ वोट बैंक की परवाह करते है, यह उसी पार्टी के नेता है जो मुस्लिम वोट को ध्यान मे रख कर जयपुर साहित्य उत्सव में एक व्यक्ति को उपस्थित होने नहीं देते! जाने दीजिये नए है गलती से मूंह से निकल जाता है! इनकी तारीफ़ भी करनी चाहिए! आप पूछेंगे क्यों?  12 फरवरी 2012 दिनाक की अखबार मे इनका एक बयान पड़ा- कहते है की मै कोई खोखले वादे नहीं करूंगा उत्तर प्रदेश की किस्मत वहां के लोग ही बदल सकते है, अब अगर कोई बाद मे कहेगा की आप विकास करने मे नाकामयाब रहे तो यह साहब याद दिला देंगे की मैंने तो पहले ही कहा था की आप ही अपनी किस्मत बदल सकते है, आपने नहीं बदली होगी मेरी क्या गलती है!
                                                   अब बीजेपी की भी बात कर लेते है, यह पार्टी सबसे आत्मविश्वासी लगी, यह आपस मे ही प्रधानमन्त्री प्रधानमंत्री खेलते रहे, मतलब विशवास देखिये पहले ही जानते थे की जीतेंगे! भगवान राम जो इनके साथ है! वहीं उमा जी अभी अभी कह बैठी की कांग्रेस एक बटी हुई पार्टी है, मुझे किसी ने कहा इन्हें याद दिलाओ की राजनाथ के बेटे को लेकर मतभेद और कुशवाह जी (जिन्हें खुद अडवानी जी ने रथ ले कर ढूँढा था) के विषय मे मतभेद इनकी पार्टी मे थे, मैंने समझया अभी अभी जुडी है बीजेपी के साथ पता नहीं होगा, अब बाल की खाल निकालने का क्या फायदा?
                                             मुझे सबसे ज्यादा दुःख इन पार्टियों की सोच को ले कर हुआ! अभी भी लोगों को लालच ही दे रहे है ताकि इन्हें वोट मिल जाए पर जरा सा होमवर्क कर लेना चाहिए था! झूट भी होमवर्क मांगता है, हर किसी ने फ्री लैपटॉप और दस दस लाख जोब्स देने के वादे तो कर दिए, जरा बता भी देते की लैपटॉप देने के लिए कौन सी कंपनी के साथ करार किया है या दस दस लाख जोब्स देने वाली मुर्गी इन्हें कहाँ से मिल गयी? ओबामा जी को भी बता देते बिचारे बहुत परेशान है! मुझे अफ़सोस इसी बात का था की आज की पीड़ी को भी यह पुरानो जितना बेवकूफ मानते है, ठीक है आप शराब दे कर वोट ले सकते है पर लैपटॉप लैपटॉप है। जरा होमवर्क कर लेना चहिए था! चलो छोड़िये, विधानसभा चुनाव ही तो है, 2014 के चुनावो मे होमवर्क कर लेंगे, वैसे भी विधानसभा मे पोर्न ही तो देखना होता है!!! देश को तो कोई नुक्सान नहीं होगा!

मुद्दे की बात: जनता हूँ आपका अच्छा मनोरंजन हुआ होगा, पर अब मुद्दे की बात करूंगा, की जागिये अब 9 % आरक्षण के लालच मे मत आईये, लैपटॉप कोई बड़ी चीज नहीं सही "आदमी" को जीताइये, आदमी इसलिए कह रहा हूँ की महिला प्रत्याशियों को टिकेट ही सूंघ सूंघ के दिया गया है! और परिवर्तन की हवा चल भी पड़ी है मणिपुर मे 82 % वोटिंग और उत्तरप्रदेश मे आजादी के बाद हुई सबसे ज्यादा वोटिंग इसी का सबूत है! जाग जाइए वरना उत्तर प्रदेश का भगवान् ही मालिक है!

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